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Rajguru – शिवराम हरी राजगुरु महाराष्ट्र के एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जो विशेषतः ब्रिटिश राज पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल होने की घटना की वजह से जाने जाते है।
महान क्रांतिकारी राजगुरु – Shivaram Rajguru biography in Hindi
राजगुरु (Shivaram Rajguru) का जन्म पुणे के पास खेड ग्राम में ब्रिटिशकालीन भारत में हुआ था। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे, जिनका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाकर आज़ाद करवाना था। उनके अनुसार महात्मा गांधी द्वारा चलाये जा रहे अहिंसावादी आंदोलनों की तुलना में ब्रिटिश राज के खिलाफ चलाये जा रहे रहे उग्र आंदोलन ज्यादा प्रभावशाली साबित होते थे।
अपने हिंसात्मक विचारो के चलते राजगुरु (Shivaram Rajguru) जल्द ही भगत सिंह और सुखदेव के सहयोगी बन गये थे और 1928 में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जे.पी. सौन्ड़ेर्स की हत्या में राजगुरु भी शामिल थे।
उनकी इस क्रिया का मुख्य कारण लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेना था, जिनकी मृत्यु साइमन कमीशन आंदोलन के समय में ब्रिटिश पुलिस द्वारा की गयी लाठी चार्ज की वजह से हुई थी। कहा जाता है की ब्रिटिश पुलिस ने जानबूझ कर लाला लाजपत राय पर जबरन लाठी चार्ज करवाई थी, जिस वजह से उनकी मृत्यु हो गयी थी।
इसके बाद इन तीनो ने मिलकर अपने 21 दुसरे सहयोगियों के साथ मिलकर एक ब्रिटिशो का लगातार विरोध किया और योजना के अनुसार ब्रिटिश अधिकारी की हत्या भी की थी। लेकिन फिर ब्रिटिश पुलिस ने अंततः उन्हें 23 मार्च 1931 को फाँसी पर चढ़ा दिया था। पंजाब के फिरोजपुर जिले की सतलज नदी के किनारे पर ही उनके शवो का दाह-संस्कार किया गया था।
मृत्यु के बाद उनके जन्मगाव का नाम बदलकर राजगुरुनगर रखा गया था। इसके बाद 1953 में उन्हें सम्मान देते हुए हरियाणा के हिसार में एक शॉपिंग काम्प्लेक्स का नाम भी बदलकर राजगुरु मार्केट रखा गया था।
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