विषय सूची
एक महान क्रांतिकारी जिन्होंने मातृभूमि के लिये अपना सबकुछ त्याग दिया, अंग्रेजो के खिलाफ भारतीय जागृती करने वाले आद्य क्रांतिकारक ऐसी वासुदेव बळवंत फडके / Vasudev Balwant Phadke की ख्याती है. इस महान क्रांतिकारी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को जानते हैं.
पूरा नाम – वासुदेव बळवंत फडके
जन्म – 4 नव्हंबर 1845
जन्मस्थान – शिरढोण (जि. रायगड)
पिता – बळवंत फडके
वासुदेव बळवंत फडके – Vasudev Balwant Phadke
अंग्रेजो के रेल्वे और सैनिकी अर्थविभाग में फडके इन्होंने नोकरी का स्वीकार किया. आगे इ.स. 1876 का अकाल और प्लेग के वजह से उनके मन में सरकार के खिलाफ नफरत पैदा हुयी. उन्होंने नोकरी से इस्तीफा दिया.
न्यायमूर्ती रानडे इनके विचारो का उनपर प्रभाव था. इस वजह से पुरे महाराष्ट्र में व्याख्यान देकर जनता का प्रबोधन करने की कोशिश उन्होंने की. लेकिन तत्कालीन शिक्षित लोगोंकी साथ नहीं मिली. तब रामोशी, बेरड, भिल्ल इनको साथ में अंग्रेजो के करीबी सावकार, जमीनदार, आमीर इनके घरो पर छापा डालने की उन्होंने शुरुवात की. सरकारी दफ्तर को आग लगाना, सावकार के पास के कागज को जलाना डाका डालना और मिलने वाले पैसो से हथियार लेना, गरीबों को पैसे बाटना ये काम जीरो से शुरू हुये. इस वजह से वासुदेव बळवंत फडके (Vasudev Balwant Phadke) की लोकप्रियता और बढ़ने लगी. महाराष्ट्र के सात जिले में उनके कार्य की व्याप्ती हुयी.
वासुदेव बळवंत फडके (Vasudev Balwant Phadke) को पकड़ने के लिये अंग्रेज सरकार की तरफ से मेजर डॅनियल इस अधिकारी को खास तौर पर चुना गया. उनको पकडके देने वाले को सरकार ने चार हजार रुपयों का इनाम रखा. तो इसके उलटा वासुदेव बळवंत फडके इन्होंने बम्बई के गव्हर्नर का सिर लाने वाले 75,000 रुपयो का बक्षिस के पत्रक शनिवार वाडा के परिसर में लगाये. इस तरह ब्रिटिश उनके पीछें थे.
पर फिर भी भारतीय कैदी जेल से मुक्तता, सरकारी दफ्तर और कचेरी को आग लगाना इस कृत्यों में वासुदेव बळवंत फडके ने कुछ भी असर नहीं होने दिया. आखीर डॅनियल को 27 जुलाई 1879 को सफलता मिली. वासुदेव बळवंत फडके को गिरफ्तार किया गया और उन्हें एडन के जेल में भेजा गया. वहासे भाग जाने का उनकी कोशिश नाकामयाब हुयी और जेल में ही उनकी मौत हुई |
इसेभी देखे – पीरू सिंह शेखावत (Kapani Havaldar Mejar Piru Singh), नायक यदुनाथ सिंह (Nayak Jadunath Singh), Other Links – मत्स्य पुराण (Matsya Purana), ब्रह्माण्ड पुराण (Brahmand Purana)