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महादेव गोविंद रानाडे (Mahadev Govind Ranade)

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विषय सूची

Mahadev Govind Ranade
Mahadev Govind Ranade

Mahadev Govind Ranade – महादेव गोविंद रानाडे एक विशिष्ट भारतीय विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक थे। साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के संस्थापक सदस्य थे, जो बॉम्बे लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य रहते हुए बहुत से पदों पर काम कर चुके है। इसके अलावा वे केंद्र में फाइनेंस समिति के सदस्य और बॉम्बे हाई कोर्ट के जज भी थे।

सामाजिक कार्यकर्ता “महादेव गोविंद रानाडे” – Mahadev Govind Ranade

एक प्रसिद्ध हस्ती होने के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व काफी शांत और प्रभावशाली था। ब्रिटेन के साथ समझौता कर वे भारत में सुधार लाना चाहते थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने वक्तृत्वतेजक सभा, पूना सार्वजानिक सभा और प्रार्थना समाज की स्थापना में काफी सहायता की है और साथ ही वे बॉम्बे एंग्लो-मराठी अखबार, इन्दुप्रकाश अखबार को एडिट भी करते थे। जिनकी स्थापना सामाजिक और धार्मिक सुधार के लिए उनकी विचारधारा के अनुरूप की गयी थी। (लेख – महादेव गोविंद रानाडे Mahadev Govind Ranade)

महादेव गोविंद रानाडे का प्रारंभिक जीवन – Mahadev Govind Ranade Early Life

महादेव गोविंद रानाडे (Mahadev Govind Ranade) का जन्म चित्पावन ब्राह्मण परिवार में नाशिक जिले के निफाड गाँव में हुआ था। उनकी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उनके मित्र चाहते थे की वे किसी विधवा से विवाह कर ले। अपने परिवार की इच्छाओ का पालन करते हुए उन्होंने कुर्लेकर परिवार की बालिका वधु से शादी कर ली। उनकी मृत्यु के बाद (रमाबाई रानाडे) वह समाज में सामाजिक और शैक्षणिक सुधार का काम करने लगी थी।

सामाजिक

रानाडे सामाजिक कांफ्रेंस अभियान के संस्थापक थे, जिसका समर्थन उन्होंने मृत्यु तक किया था। बाल विवाह, महिलाओ का सर मुंडवाना और शादी में होने वाला अतिरिक्त खर्च और सामाजिक भेदभाव इन सभी समस्याओ का विरोध उन्होंने जीवनभर किया और हमेशा इन प्रथाओ में सुधार करने की कोशिश करते रहे। 1861 में विधवा वैवाहिक संस्था के संस्थापक सदस्यों में रानाडे एक थे। रानाडे हमेशा से ही अंधविश्वास की आलोचना करते थे। उन्होंने सभी धर्मो को भी इन अंधविश्वास को ना मानने की सलाह दी थी।

न्यायविद रानाडे, इतिहासकार डॉ. आर.जी. भंडारकर और वामन आबाजी मोदक ने मिलकर महाराष्ट्र महिला शैक्षणिक विभाग और पुणे की सबसे प्राचीन महिला स्कूल हुज़ुर्पगा की स्थापना 1885 में की।

कार्य

• रानाडे, महादेव गोविंद, राइज ऑफ़ दी मराठा पॉवर (1990), पुनर्प्रकाशन (1999)
• बिपन चन्द्र, रानाडे के आर्थिक लेख, ज्ञान बुक्स प्राइवेट लिमिटेड।

प्रसिद्धि

जी मराठी टेलीविज़न चैनल पर ‘उंच माझा झोका’ नामक सीरियल में रमाबाई और महादेवराव के जीवन और उनके द्वारा महिलाओ के हक्क के प्रति की जानी लढाई को दर्शाया गया है। जिसे मार्च 2012 में टेलीकास्ट किया गया था। इस सीरियल की प्रशंसा महाराष्ट्र में सभी भागो में की गयी थी। यह टेलीविज़न सीरियल रमाबाई रानाडे की किताब ‘आमच्या आयुष्यातील काही आठवणी’ पर आधारित थी। इस किताब में न्यायविद रानाडे को “महादेव” की जगह “माधव” नाम दिया गया था।

इसेभी देखे – अब्दुल ग़फ़्फ़ार खान (Khan Abdul Ghaffar Khan), रास बिहारी बोस (Rash Behari Bose), राम सिंह कुका (Ram Singh Kuka), Other Links – PAN Card

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