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राममनोहर लोहीया (Ram Manohar Lohia)

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Ram Manohar Lohia
Ram Manohar Lohia

पूरा नाम  – राम मनोहर लोहिया

जन्म       – 23 मार्च 1910

जन्मस्थान – अकबरपुर, उत्तरप्रदेश

पिता       – हीरा लाल

माता      – चंदा

Ram Manohar Lohia – राममनोहर लोहीया

भारत के आर्थिक और सामाजिक परिस्थिती को अनुरूप ऐसा समाजवाद का आग्रह करने वाले महत्त्वपूर्ण राजकीय विचारवंत के रूप में राममनोहर लोहीया (Ram Manohar Lohia) इनका भारतीय राजनीती में विशेष स्थान है।

डॉ. राममनोहर लोहीया (Ram Manohar Lohia) इनका जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तरप्रदेश के अकबरपुर यहा हुआ। उन्होंने जर्मनी के विश्वविद्यालयसे डॉक्टरेट (PHD) प्राप्त की।

महात्मा गांधी का सत्याग्रही आंदोलन ये उनके प्रबंध का विषय था। जर्मनी से भारत आने के बाद यहा के स्वातंत्र्य लढाई में वो शामिल हुये। इ.स. 1942 के चलेजाव आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वातंत्र्योत्तर समय में अनेक समावादियों के साथ लोहीया भी कॉग्रेस से बाहर निकले। और जयप्रकाश नारायण के साथ समाजवादी पक्ष खड़ा किया। आगे विचारों में अंतर आने के वजह से उन्होंने खुद के ‘संयुक्त समाजवादी पक्ष’ की स्थापना की।

भारतीय समाजकारण और राजनीती इसके बारे में लोहीया इनकी सोच वैशिष्ट्पूर्ण रही। भारत में मार्क्सवाद के और कैपिटल – इंपीरियल के सिध्दांत सही नहीं है।

यूरोपीय तंत्रज्ञान और उनके व्दारा निर्माण होने वाला समाज इनके वो अंश है और भारत जैसे बहोत मानवी श्रमशक्ति वाले राजधानी की उपलब्धता वाले और दरिद्रता वाले देश को वो सिध्दांत लागु नहीं हो सकते ऐसी सोच उन्होंने अपने ‘इक्वल इररीलेव्ह्न्स ऑफ मार्क्सिझम अॅड कॅपिटॅलिझम इस किताब में रखी।

भारतीय इतिहास, समाजव्यवस्था, राजनीति विविध सिध्दांत इनका विश्लेषण करने वाले बहोतसी किताबे लोहीया इन्होंने लिखी। इन किताबों में ‘मार्क्स अॅड सोशॅलिझम’, ‘कास्ट – सिस्टिम’, ‘गिल्टी में ऑफ इंडियाज पार्टिशन’, ‘व्हिल ऑफ हिस्टरी’ इन अंग्रेजी किताबो का भी समावेश होता है। वैसेही ‘हिदद बनाम हिंदु’, ‘भारतीय विभाजन के दोषी’, ‘इतिहास चक्र’, ‘राम – कृष्ण – शिव’, ‘लोकसभा में लोहीया’ इनकी हिंदी किताबे प्रसिध्द है।

उनके लिखाण के मराठी अनुदान भी हुये है उसमे ‘समाजवाद काळा – गोरा’, ‘मार्क्स नंतरचे अर्थशास्त्र’, ‘अंतहीन यात्रा’, ‘भारतीय फाळनीचे गुन्हेगार’ इन किताबो का समावेश होता है।

संसदीय राजनीती में विशेष प्रभाव गिराने वाले राममनोहर लोहीया (Ram Manohar Lohia) इनकी 12 अक्तुबर 1967 को मौत हुयी।

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