विषय सूची
पूरा नाम – अनंत लक्ष्मण कन्हेरे
जन्म – 1891 ई.
जन्म भूमि – इंदौर, मध्य प्रदेश
मृत्यु – 19 अप्रैल, 1910
मृत्यु स्थान – ठाणे, महाराष्ट्र
मृत्यु कारण – फ़ाँसी
नागरिकता – भारतीय
प्रसिद्धि – स्वतंत्रता सेनानी
धर्म – हिन्दू
संबंधित लेख विनायक दामोदर सावरकर, धोंडो केशव कर्वे
अन्य जानकारी – गणेश सावरकर को आजन्म कारावास की सज़ा सुनाए जाने से क्रान्तिकारियों में काफ़ी रोष था। इसी का प्रतिशोध लेने के लिए कन्हेरे ने 21 दिसम्बर, 1909 को नासिक के ज़िलाधिकारी जैक्सन को गोली मारी।
अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (अंग्रेज़ी: Anant Laxman Kanhere; जन्म- 1891 ई., इंदौर, मध्य प्रदेश; मृत्यु- 19 अप्रैल, 1910 ई., महाराष्ट्र) भारत के युवा क्रांतिकारियों में से एक थे। उन्हें देश की आज़ादी के लिए शहीद होने वाले युवाओं में गिना जाता है। 1909 ई. में ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ एक लेख लिखने के कारण गणेश सावरकर को आजन्म कारावास की सज़ा हुई थी। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
अंग्रेज़ सरकार के इस फैसले से क्रांतिकारियों में उत्तेजना पैदा हो गई। प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) ने 21 दिसम्बर, 1909 ई. को नासिक के ज़िला अधिकारी जैक्सन को गोली मार दी। बाद में कन्हेरे पकड़ लिये गए और मात्र 19 वर्ष की अवस्था में उन्हें फाँसी दे दी गई। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
जन्म तथा शिक्षा
अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) का जन्म 1891 ई. में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पूर्वज महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले के निवासी थे। कन्हेरे के दो भाई तथा दो बहनें थीं। उनकी आरम्भिक शिक्षा इंदौर में ही हुई थी। इसके बाद अपनी आगे की शिक्षा के लिए वे अपने मामा के पास औरंगाबाद चले गए। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
क्रांतिकारी जीवन
उस समय भारत की राजनीति में दो विचारधाराएँ स्पष्ट रूप से उभर रही थीं। एक ओर कांग्रेस अपने प्रस्तावों के द्वारा भारतवासियों के लिए अधिक से अधिक अधिकारों की मांग कर रही थी और अंग्रेज़ सरकार इन मांगों की उपेक्षा करती जाती थी। दूसरी ओर क्रान्तिकारी विचारों के युवक थे, जो मानते थे कि सशस्त्र विद्रोह के ज़रिये ही अंग्रेज़ों की सत्ता उखाड़ी जा सकती है। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
जब हिन्दू और मुस्लिमों में मतभेद पैदा करने के लिए सरकार ने 1905 में ‘बंगाल का विभाजन’ कर दिया तो क्रान्तिकारी आन्दोलन को इससे और भी बल मिला। महाराष्ट्र में ‘अभिनव भारत’ नाम का युवकों का संगठन बना और वे अखाड़ों के माध्यम से वे क्रान्ति की भावना फैलाने लगे। विनायक सावरकर और गणेश सावरकर इस संगठन के प्रमुख व्यक्ति थे। अनन्त लक्ष्मण कन्हेरे भी इस मंडली में सम्मिलित हो गये। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
अंग्रेज़ जैक्सन की हत्या
वर्ष 1909 में विदेशी सरकार के विरुद्ध सामग्री प्रकाशित करने के अभियोग में जब गणेश सावरकर को आजन्म कारावास की सज़ा हो गई तो क्रान्तिकारी और भी उत्तेजित हो उठे। उन्होंने नासिक के ज़िला अधिकारी जैक्सन का वध करके इसका बदला लेने का निश्चय कर लिया। कन्हेरे ने इस काम करने का जिम्मा अपने ऊपर लिया। पिस्तौल का प्रबंध हुआ और 21 दिसम्बर, 1909 को जब जैक्सन एक मराठी नाटक देखने के लिए आ रहा था, तभी कन्हेरे ने नाट्य-गृह के द्वार पर ही उसे अपनी गोली का निशाना बनाकर ढेर कर दिया। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
शहादत
जैक्सन की हत्या के बाद अंग्रेज़ पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की। अनेक गिरफ्तारियाँ हुईं और मुकदमे चले। जैक्सन की हत्या के मामले में अनंत लक्ष्मण कन्हेरे(Anant Laxman Kanhere), धोंडो केशव कर्वे और विनायक देशपाण्डे को फ़ांसी की सज़ा हुई। दूसरे मुकदमें में राजद्रोह फैलाने के अभियोग में 27 लोगों को सज़ा मिली, जिनमें विनायक सावरकर को आजन्म क़ैद की सज़ा हुई। अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) 19 अप्रैल, 1910 को केवल 19 वर्ष की उम्र में फ़ांसी पर लटका दिये गए। इतनी छोटी-सी आयु में ही शहीद होकर भारत माँ के इस लाल ने भारतीय इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया। (लेख :-अनंत लक्ष्मण कन्हेरे – Anant Laxman Kanhere)
भारत के स्वतंत्रता सेनानी | Freedom fighters of india in Hindi
पुष्पलता दास की जीवनी – Puspa Lata Das